मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना को अन्य विभागों द्वारा अपनाया जाएगा, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिये निर्देश
Chief Minister Urban Body Ownership Scheme will be adopted
Chief Minister Urban Body Ownership Scheme will be adopted : चंडीगढ़। हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से किराये या लीज पर चल रही पालिकाओं की व्यवसायिक भूमि की मलकियत (commercial land ownership) उन पर काबिज व्यक्तियों को देने के लिए बनाई गई मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना को अन्य विभागों द्वारा भी अपनाया जाएगा। इसके लिए नये सिरे से योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य सचिव संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि योजना का प्रारूप 15 दिनों में तैयार करें। तत्श्चचात प्रारूप को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में लाया जाएगा।
20 साल से अधिक कब्जे वालों को व्यावसायिक भूमि पर मिला मालिकाना हक / Occupiers for more than 20 years got ownership rights on commercial land
श्री कौशल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना (Chief Minister Urban Body Ownership Scheme) जून, 2021 में बनाई गई थी। इसके तहत, शहरी निकायों के उन सभी नागरिकों को मालिकाना हक (ownership of citizens) प्रदान किया गया, जिनके पास व्यावसायिक भूमि का 20 साल या 20 साल से अधिक कब्जा है। इस योजना के तहत जो व्यक्ति किराये या लीज के माध्यम से भूमि पर 20 साल से काबिज हैं, उन्हें कलेक्टर रेट का 80 प्रतिशत तक भुगतान करने पर मालिकाना हक दिया जा रहा है। इसी प्रकार, भूमि पर काबिज वर्षों की सीमा के अनुसार क्लेक्टर रेट का अलग-अलग दर पर भुगतान करना होगा। जैसे, 25 साल तक काबिज व्यक्ति को कलेक्टर रेट का 75 प्रतिशत, 30 साल तक 70 प्रतिशत, 35 साल तक 65 प्रतिशत, 40 साल तक 60 प्रतिशत, 45 साल तक 55 प्रतिशत और 50 साल तक 50 प्रतिशत का भुगतान करने पर मालिकाना हक दिये जाने का प्रावधान है।
नागरिकों को मालिकाना हक देने के लिए बनेगी नये सिरे से / Will be made afresh to give ownership rights to the citizens
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने निर्णय लिया है कि निकायों के अलावा अन्य विभागों की जमीनों पर भी इसी प्रकार से नागरिकों को मालिकाना हक (Owner's right) देने के लिए प्रदेशभर में एकरूपता लाते हुए नये सिरे से योजना बनाई जाएगी। उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अन्य विभागों के लिए इस योजना का प्रारूप शहरी स्थानीय निकाय विभाग ही तैयार करे और इस प्रारूप को संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ सांझा किया जाएगा और उनसे टिप्पणियां मांगी जाएगी।
1730 आवेदकों को जारी हो चुकी एलओआई / LOIs issued to 1730 applicants
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना (Chief Minister Urban Body Ownership Scheme) के पहले चरण के दौरान लगभग 7 हजार आवेदन आए थे। 1730 आवेदकों को लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) जारी हो चुके हैं। योजना के प्रावधानों व नियम एवं शर्तों के अनुसार 1100 आवेदन रद्द कर दिए गए थे। 1130 आवेदन ऐसे पाये गए, जिनमें भूमि अन्य विभागों से संबंधित है। इसलिए अन्य विभागों द्वारा भी इस प्रकार की योजना बनाई जानी चाहिए।
बैठक में ये रहे मौजूद / were present in the meeting
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (additional chief secretary) तथा वित्त आयुक्त श्री वी एस कुंडू (Commissioner Shri V S Kundu), लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता (Additional Chief Secretary Ankur Gupta), शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण कुमार गुप्ता (Additional Chief Secretary Arun Kumar Gupta) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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